अनियमित पीरियड्स (मासिक चक्र) की परेशानी का हल आयुर्वेद में पाए

अनियमित पीरियड्स ने कर रखा है परेशान, तो आयुर्वेदिक दवाइयां हैं सहायक उपचार ?

अनियमित माहवारी या पीरियडस (Irregular Periods) की सामान्यः अवधि क्या हैं ?

  • महिलाओं में होने वाली पीरियड्स (मासिक चक्र) की समस्या आजकाल लगभग सामान्य सी हो गई है। बता दे कि जब लड़की की उम्र 13 से 14 वर्ष के मध्य होती है तभी से पीरियड्स आने शुरु हो जाते है। 
  • पीरियड्स (मासिक धर्म) की सामान्य अवधि की अगर बात करें तो ये  21 से 35 दिनों के अंदर ही होती है। यदि पीरियड्स 21 दिनों से पहले या फिर 35 दिनों के बाद आते हैं तो फिर उसे अनियमित माहवारी कहा जाता है।
  • अगर पीरियड्स की बात करें तो महिलाओं को 1 वर्ष में 11 से लेकर 13 बार पीडियड्स आने चाहिए जो सामान्य प्रक्रिया होती है। वही अगर किसी महिला को एक वर्ष में 6 से 7 बार ही पीरियड्स आते है तो ऐसी महिलाओं को माहवारी की समस्या होती है। 

अनियमित पीरियड्स (मासिक धर्म) के कारण ?

  • अनियमित पीरियड्स के बहुत से कारण माने जाते हैं जिनमे से हमारे गलत खान-पान का सेवन सबसे पहले शामिल हैं 
  • आयुर्वेद की अगर बात करें तो महिलाओं में वात,पित्त या कफ दोष की मात्रा का अत्यधिक बढ़ना भी अनियमित पीरियड्स का कारण माना जाता हैं। 
  • जब महिलाओं के शरीर में हार्मोन का संतुलन बिगड़ जाता है तो माहवारी जैसी समस्या उत्पन्न होने लगती है।
  • हिला का लंबी बीमारी से जूझना।
  • दा गर्भनिरोधक दवाओं का सेवन। 
  • चिंता को चिता के समान तौला जाता है तो अगर महिला इन दिनों अत्यधिक चिंता करती हैं, तो पीरियड्स को अनियमित रूप में पाया जाता हैं। 

अनियमित मासिक धर्म के लक्षण क्या हैं ?

  • इसका पहला लक्षण तो यही है कि नियमित रुप से पीरियड्स का न आना।
  • महिलाओं की बच्चेदानी (यूट्रस) में अत्धिक दर्द होना।
  • इन दिनों महिलाओं को कम भूख लगना। 
  • महिलाओं के पेट, हाथ तथा पैरों के निचले हिस्से में दर्द का होना।
  • महिलाओं में अधिक थकान, कब्ज एवं दस्त जैसी शिकायत का होना।

इसके लक्षणों को देखते हुए आप किसी बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर का चयन कर सकते हैं।  

उपचार क्या हैं अनियमित मासिक धर्म (पीरियड्स) के ?

अनियमित मासिक धर्म से निजात पाने के लिए महिलाओं को अपने जीवन शैली व खान-पान में थोड़ा सा बदलाव लाना चाहिए। तो वही आयुर्वेदिक में इसके कुछ उपचार प्रस्तुत हैं जिनका वर्णन हम निम्न प्रस्तुत करेंगे। 

  • आयुर्वेद के अनुसार जो महिला अनियमित मासिक धर्म से ग्रस्त हैं, उन्हें नियमित रुप से योग, व्यायाम, एवं अन्य शारीरिक गतिविधियों को अपनी जीवनशैली में शामिल करना चाहिए। यदि आप चाहें तो कुछ आउटडोर खेलों का भी सहारा ले सकती है। जोकि आपके अच्छे स्वास्थ्य के लिए काफी सहायक हो सकते है। पर मासिक धर्म में इन्हे वर्जित करें। 
  • आयुर्वेद में कुछ ऐसे लाभदायक हर्बल जड़ी बूटियाँ एवं औषधीय तेलों के काढ़े है जिनके सेवन से पीरियड्स की असमान्यः समस्या दूर हो जाती है।
  • अपने हार्मोन को संतुलित रखने के लिए आपको एक अच्छी व पौष्टिक डाइट लेना चाहिए। 

तो वही इससे निजात पाने के लिए आप संजीवनी हेल्थ सेंटर से लाभदायक हर्बल जड़ी बूटियाँ का प्रयोग भी कर सकती हैं। 
निष्कर्ष :

अनियमित पीरियड्स की समस्या से हर एक महिला परेशान रहती हैं और इससे निजात पाने के उपाए भी ढूंढ़ती है, पर आज भी हमारे समाज में कुछ ऐसी महिलाए मौजूद है जो इस पीड़ा को बताने में शर्म महसूस करती है जिसका खामियाज़ा काफी नुकसानदायक हो सकता हैं। इसलिए अगर आपके मासिक धर्म समय पर न आए तो कृपया इसे नज़रअंदाज़ न करें। और किसी अच्छे आयुर्वेदिक डॉक्टर का चुनाव करें।  

Book Appointment